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अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान, भारत बनाएगा अपना AI Tool: ChatGPT और DeepSeek को मिलेगी टक्कर

भारत सरकार ने घोषणा की है कि वह अपना स्वदेशी जनरेटिव AI मॉडल विकसित करेगा, जो ChatGPT और DeepSeek जैसे मौजूदा AI मॉडलों को चुनौती देगा। जानें भारत के AI विकास के बारे में।
 
ashwini vaishnaw announced india's own ai tool

Khas Haryana (India). जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दौड़ में अब भारत भी मजबूती से कदम रखने जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि भारत जल्द ही अपना स्वदेशी जनरेटिव AI मॉडल विकसित करेगा, जो OpenAI के ChatGPT और चीन के DeepSeek जैसे मौजूदा AI मॉडलों को टक्कर देगा। यह घोषणा उत्कर्ष ओडिशा कॉन्क्लेव के दौरान की गई, जहां उन्होंने बताया कि सरकार AI और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को विश्वस्तरीय बनाने की योजना पर काम कर रही है।

भारत सरकार के इस AI पहल को इंडिया AI कंप्यूट फैसिलिटी के तहत विकसित किया जाएगा। इसके लिए 18,000 GPU की क्षमता वाला एक एडवांस इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है, जिससे देश में बड़े पैमाने पर लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) विकसित किए जा सकें। सरकार इस प्रोजेक्ट में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए निवेश कर रही है, ताकि देश की AI क्षमता को मजबूत किया जा सके और विदेशी AI मॉडलों पर निर्भरता कम की जा सके।

AI मॉडल के विकास के लिए अगले 4 से 10 महीनों में कम से कम 6 स्टार्टअप्स और AI डेवलपर्स इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेंगे। इससे न केवल भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में AI के उपयोग को भी बढ़ाया जाएगा। सरकार का उद्देश्य AI तकनीक को सुलभ और किफायती बनाना है, जिससे छोटे और मध्यम उद्यम (SMEs) और स्टार्टअप्स भी इसका लाभ उठा सकें।

AI की इस वैश्विक रेस में भारत की एंट्री बेहद महत्वपूर्ण है। OpenAI ने 2022 में ChatGPT लॉन्च किया, जिसने दुनिया भर में AI क्रांति को जन्म दिया। इसके बाद चीन के DeepSeek ने कम लागत में एक उन्नत AI मॉडल विकसित कर लिया, जिसने बाजार में हलचल मचा दी। अब भारत भी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल होकर अपना खुद का AI मॉडल पेश करने जा रहा है, जो देश की जरूरतों के अनुरूप होगा और भारतीय भाषाओं के समर्थन के साथ आएगा।

सरकार की इस पहल से न केवल भारतीय टेक्नोलॉजी क्षेत्र को वैश्विक पहचान मिलेगी, बल्कि यह स्वदेशी AI इनोवेशन को भी बढ़ावा देगा। आने वाले समय में यह AI मॉडल भारत के डिजिटल विकास में एक बड़ा योगदान देगा और AI टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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