Movie prime

हरियाणा राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा एक्शन: 404 दलालों की सूची जारी

हरियाणा सरकार ने राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसते हुए 404 दलालों की सूची जारी की। जिला उपायुक्तों को 15 दिनों में जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये गए हैं।
 
 
Haryana government corruption action

Khas Haryana (चंडीगढ़). हरियाणा में राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए जिलास्तरीय दलालों की सूची जारी करनी शुरू कर दी है। राज्य के 22 जिलों में सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर पटवारी और तहसील कार्यालयों में सक्रिय 404 दलालों के नाम शामिल किए गए हैं।

जिला उपायुक्तों को सौंपी गई जिम्मेदारी
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त ने इस सूची को सभी जिला उपायुक्तों को भेजना शुरू कर दिया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि सूची में उल्लिखित नामों की जांच किसी सीनियर अधिकारी से कराई जाए और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सरकार को भेजी जाए।

पलवल की स्थिति उजागर
कुछ जिलों को सूची पहले ही भेजी जा चुकी है, जिसमें पलवल जिला उपायुक्त को भेजी गई सूची सामने आई है। इसमें बताया गया है कि कैसे पटवारखानों से लेकर तहसील कार्यालयों तक दलालों का जाल फैला हुआ है। सूची में दलालों के नाम, स्थान और कार्यप्रणाली का विस्तृत उल्लेख है।

पटवारियों और दलालों का विरोध
पटवारियों पर भ्रष्टाचार की लिस्ट जारी होने के बाद राज्यभर में विरोध जारी है। वहीं, दलालों और पटवारियों के शिकंजे से त्रस्त जनता सरकार की कार्रवाई की सराहना कर रही है।

विपक्ष ने उठाए सवाल
पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल ने सरकार की इस पहल पर टिप्पणी करते हुए भ्रष्ट आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की सूची जारी करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने अन्य विभागों में भ्रष्टाचार पर सरकार के रवैये पर भी सवाल खड़े किए हैं।

राजस्व विभाग की साख दांव पर
पलवल सहित अन्य जिलों की स्थिति गंभीर है, जहां राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारी खुद भी दलाली में लिप्त पाए गए हैं। इन गतिविधियों के कारण जनता में सरकार के प्रति नकारात्मक संदेश जा रहा है।

पारदर्शिता बढ़ाने के निर्देश
सरकार ने राजस्व कार्यालयों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने, नियमित मॉनीटरिंग करने और भ्रष्टाचार रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की सलाह दी है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक अधिकारी को अपने कार्य में अधिक जवाबदेही दिखानी होगी।

जनता को राहत की उम्मीद
सरकार की इस कार्रवाई को साहसिक कदम माना जा रहा है, जो भ्रष्टाचार और दलाली के जाल को तोड़ने में मददगार साबित हो सकता है। 15 दिनों के भीतर आने वाली जिला उपायुक्तों की रिपोर्ट से इस दिशा में और कड़े फैसले लिए जाने की उम्मीद है।

Related article- हरियाणा में रजिस्ट्री घोटाले की फाइल दोबारा खुली, भ्रष्ट अधिकारियों की जांच तेज