Movie prime

दिल्ली जल बोर्ड ने खोली केजरीवाल के दावे की पोल, यमुना जल को लेकर जानिए क्या कहा?

Delhi Jal Board: केजरीवाल ने भाजपा की हरियाणा सरकार पर यह गंभीर आरोप लगाया कि जानबूझकर यमुना के कच्चे पानी में जहर मिलाया गया, ताकि दिल्ली के लोगों को नुकसान पहुंचे और इसका दोष आम आदमी पार्टी (AAP) पर आए। अब, दिल्ली जल बोर्ड की सफाई के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है।
 
delhi jal board reject kejriwal claim over yamuna ammonia

दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियाणा पर लगाए गए यमुना के पानी में जहर छोड़ने के आरोपों को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक करार दिया है। यह मामला तब उठा, जब केजरीवाल ने भाजपा की हरियाणा सरकार पर यह गंभीर आरोप लगाया कि जानबूझकर यमुना के कच्चे पानी में जहर मिलाया गया, ताकि दिल्ली के लोगों को नुकसान पहुंचे और इसका दोष आम आदमी पार्टी (AAP) पर आए। अब, दिल्ली जल बोर्ड की सफाई के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है।

यमुना में जहर होने का दावा आधारहीन: Delhi Jal Board

दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ शिल्पा शिंदे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए केजरीवाल के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा द्वारा यमुना के पानी में जहर छोड़ने की बात आधारहीन और गलत है। पत्र में कहा गया है कि इस तरह के भ्रामक बयानों से दिल्ली के निवासियों में अनावश्यक भय उत्पन्न होता है और यमुना से जुड़े राज्यों के बीच संबंधों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

नियमित पानी की गुणवत्ता की निगरानी

जल बोर्ड ने यह भी बताया कि यमुना नदी से आने वाले कच्चे पानी की गुणवत्ता की नियमित निगरानी की जाती है। जल आपूर्ति को मापदंडों के अनुरूप नियंत्रित किया जाता है। हर सर्दियों में यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है, जो पानी की गुणवत्ता पर असर डालता है। अक्टूबर से फरवरी के बीच यह समस्या अक्सर सामने आती है। मौजूदा समय में वजीराबाद तालाब में यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर 6.5 पीपीएम तक पहुंच चुका है, जिससे वजीराबाद और चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों का उत्पादन 15-20% तक कम हुआ है।

तथ्य और समाधान पर जल बोर्ड का ध्यान

शिल्पा शिंदे ने अपने बयान में यह भी कहा कि वजीराबाद तालाब पर हुई ताजा जांच में अमोनिया के स्तर में कमी देखी गई है। संभावना जताई गई है कि आने वाले दिनों में यह स्तर सामान्य हो जाएगा और पानी का उत्पादन फिर से बहाल किया जा सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड जल आपूर्ति के दौरान हर संभावित सुरक्षा का ध्यान रखता है।

झूठे बयानों का प्रभाव

पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि ऐसे बेबुनियाद आरोपों से जनता में भय पैदा होता है और अंतरराज्यीय संबंध खराब हो सकते हैं। इसे देखते हुए, दिल्ली के उपराज्यपाल के ध्यान में यह मुद्दा लाने की सिफारिश की गई है।

'जल आतंकवाद' तक गए आरोप

यह मामला तब और चर्चा में आ गया, जब AAP की वरिष्ठ नेता आतिशी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हरियाणा सरकार पर "जल आतंकवाद" का आरोप लगाया। हालांकि, दिल्ली जल बोर्ड का कहना है कि यह बयान भी तथ्यहीन है और ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जो इन आरोपों को सही ठहरा सके।

ठंड के मौसम में बढ़ते अमोनिया स्तर

दिल्ली जल बोर्ड ने स्पष्ट किया कि यमुना में अमोनिया स्तर का बढ़ना एक सामान्य प्रक्रिया है, जो हर साल सर्दियों के दौरान होता है। यह बदलाव नदी में जल स्तर कम होने और गंदे पानी के प्रवाह से प्रभावित होता है। इससे पानी की आपूर्ति और गुणवत्ता पर असर पड़ता है, लेकिन जल बोर्ड द्वारा इस पर लगातार निगरानी की जाती है।

लोगों में अनावश्यक डर

जल बोर्ड ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह के बयान जनता में अनावश्यक डर फैलाते हैं और राज्यों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। अंतर-राज्यीय मामलों पर इससे होने वाले असर को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।

हरियाणा में लागू होगा समान नागरिक संहिता! मुख्यमंत्री नायब सैनी ने किया कन्फर्म