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Rules Change: 1 फरवरी से बदल जाएंगे वित्तीय नियम, जानिए बजट से लेकर बैंकिंग तक, क्या होगा बदलाव

फरवरी 2025 का महीना आपके वित्तीय मामलों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इस महीने कई बड़े बदलाव और घटनाएं होने वाली हैं, जो आपके बजट को प्रभावित कर सकती हैं। इनमें केंद्रीय बजट 2025 की घोषणा और भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति का फैसला प्रमुख हैं, जिनसे आपकी जेब पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, यूपीआई ट्रांजैक्शन के नियमों में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
 
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Rules Change 1 February: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी, जिसमें आर्थिक सुधारों और बड़ी घोषणाओं की संभावना है। चर्चा है कि वित्त मंत्री व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने पर विचार कर सकती हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को राहत मिल सकती है। साथ ही, 15 लाख से 20 लाख रुपये तक की आय पर 25% का नया टैक्स स्लैब लागू करने का प्रस्ताव भी हो सकता है, जिससे मध्यम आय वर्ग को टैक्स में राहत मिल सकती है।

आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) फरवरी 2025 में अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है। नवंबर 2022 से लगातार ब्याज दरों में वृद्धि के बाद, अब मुद्रास्फीति में कमी के रुझान के चलते केंद्रीय बैंक 5-7 फरवरी के बीच नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है। इस निर्णय से लोन और EMI पर राहत मिल सकती है, खासतौर पर बैंकों द्वारा ब्याज दरों में संभावित कमी के कारण।

कोटक811 सेविंग अकाउंटहोल्डर्स के लिए बदलाव
कोटक महिंद्रा बैंक 1 फरवरी, 2025 से अपने कोटक811 बचत खाताधारकों के लिए नई सुविधाओं और शुल्कों में बदलाव करेगा। खाताधारकों को अब एटीएम ट्रांजैक्शन सीमा में बदलाव देखने को मिल सकता है, और साथ ही अन्य बैंकिंग सेवाओं जैसे डिमांड ड्राफ्ट, RTGS, IMPS, चेकबुक के लिए शुल्कों में भी बदलाव की संभावना है।

UPI ट्रांजैक्शन में बदलाव
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 1 फरवरी से यूपीआई ट्रांजैक्शन ID में विशेष वर्णों वाले लेन-देन को अस्वीकृत करने का निर्देश दिया है। इसके तहत सभी लेन-देन ID को केवल अल्फ़ान्यूमेरिक वर्णों का इस्तेमाल करके बनाया जाएगा। यह बदलाव यूपीआई ट्रांजैक्शन के लिए तकनीकी अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है, ताकि लेन-देन में किसी प्रकार का व्यवधान न हो।

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