हरियाणा में लागू होगा समान नागरिक संहिता! मुख्यमंत्री नायब सैनी ने किया कन्फर्म
मुख्यमंत्री सैनी ने अपने बयान में कहा कि देश में समान नागरिक संहिता की मांग समय के साथ बढ़ती जा रही है। उनका मानना है कि समान कानून सभी नागरिकों को उनके अधिकारों में समानता सुनिश्चित करेगा और देश में एकता को मजबूत करेगा।

Khas Haryana (चंडीगढ़). देश की आज़ादी के बाद समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। इस ऐतिहासिक कदम के बाद अब पूरे देश में यूसीसी को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं। खासतौर पर उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य और भाजपा शासित हरियाणा में यूसीसी के संभावित कार्यान्वयन को लेकर राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है।
हरियाणा में यूसीसी पर चर्चा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि देश में लोग समान नागरिक संहिता चाहते हैं। उनके अनुसार, यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर पूरे देश के बुद्धिजीवी गंभीरता से विचार कर रहे हैं। यूसीसी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "पूरा देश समान नागरिक संहिता को लेकर गंभीर है। जब समय आएगा, इसे लागू किया जाएगा।"
सैनी ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा सिर्फ हरियाणा तक सीमित नहीं है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र है। उन्होंने कहा कि यह कानून सभी धर्मों और समुदायों के लिए समान नियम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उत्तराखंड में यूसीसी का लागू होना
उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी अधिसूचना जारी करते हुए इसके कार्यान्वयन के लिए नियम बनाए हैं। इसके तहत विवाह, तलाक और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे मुद्दों पर ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य करने के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया गया है। यह पहल कानून को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यूसीसी की आवश्यकता पर जोर
मुख्यमंत्री सैनी ने अपने बयान में कहा कि देश में समान नागरिक संहिता की मांग समय के साथ बढ़ती जा रही है। उनका मानना है कि समान कानून सभी नागरिकों को उनके अधिकारों में समानता सुनिश्चित करेगा और देश में एकता को मजबूत करेगा।
क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का उद्देश्य देश में सभी धर्मों और समुदायों के लिए समान कानून लागू करना है। वर्तमान में, भारत में नागरिकों के व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह, तलाक, संपत्ति का उत्तराधिकार आदि को अलग-अलग धर्मों के कानूनों के तहत देखा जाता है। यूसीसी लागू होने से इन सभी मुद्दों के लिए समान और एकीकृत कानून होंगे।
हरियाणा में संभावनाएं
हरियाणा में यूसीसी को लागू करने को लेकर अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस पर सकारात्मक रुख दिखाया है। राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है।
सैनी का कहना है, "जब लोग तैयार होंगे और सही समय आएगा, हम इसे लागू करेंगे।"
उत्तराखंड से हरियाणा तक असर
उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद अब अन्य राज्यों में इसे लागू करने की मांग तेज हो रही है। हरियाणा जैसे राज्य में, जहां सामाजिक और सांस्कृतिक संरचनाएं विविध हैं, यह कानून एक बड़ा बदलाव ला सकता है। हालांकि इसे लागू करने के लिए आम सहमति और राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी होगी।